Tuesday 8 May 2018

जानें मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे-एम्स, ईएसआइसी, आदि), रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य एजेंसियों, आदि में होता है. स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी संगठन में मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर का पद ग्रुप बी के स्तर का होता है. मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर का कार्य होता है कि वह अस्पताल में दाखिल सभी मरीजों एवं उनके घरवालों की मानसिक सहायता करे, साइकोथेरेपी, सपोर्टिव काउंसलिंग, ग्रीफ काउंसलिंग करे एवं आवश्यकता के अनुसार मरीज, डॉक्टर, अथॉरिटी या अधिकारियों को रिपोर्ट उपलब्ध कराये.

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर की भूमिका अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों एवं उनके सगे-संबंधियों की काउंसलिंग के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर को सुनिश्चित करना होता है कि प्रत्येक मरीज को सोशल सपोर्ट अधिक से अधिक मिले, फिर चाहे यह सपोर्ट उसके घरवालों, रिश्तेदारों से हो या किसी अन्य नेटवर्क से हो. इसलिए मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको विभिन्न प्रकार के मेडिकल ट्रीटमेंट के दौरान आवश्यक काउंसलिंग एवं संबंधित परीक्षणों की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए.

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से मेडिकल सोशल वर्क में मास्टर्स डिग्री (एमए या एसएसडब्ल्यू) या समकक्ष योग्यता उत्तीर्ण होनी चाहिए. इसके साथ ही उम्मीदवारों के पास किसी संबंधित कार्य का पूर्व अनुभव और कंप्यूटर पर ऑफिस अप्लीकेशंस की अच्छा ज्ञान आवश्यक होता है.

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर बनने के लिए निम्नलिखित योग्यता रखने वाल उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है –

    मेडिकल सोशल सर्विस से संबंधित कार्य का अनुभव
    मरीजों की काउंसलिंग में विषेज्ञता
    कंप्यूटर पर एमएस-ऑफिस अप्लीकेशंस का अच्छा ज्ञान

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर के लिए कितनी है आयु सीमा?

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 35 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर के लिए चयन प्रक्रिया

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन कर सकता है.

कितनी मिलती है मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर को सैलरी?

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड 2 के अनुरूप रु. 9300-34800 + ग्रेड पे रु. 4600 के अनुसार सैलरी दी जाती है. यदि संस्थान में सातवां वेतन आयोग के अनुरूप वेतन लागू हो चुका है तो समकक्ष लेवल के अनुरूप सैलरी दी जाती है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर की कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?

मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे-एम्स, ईएसआइसी, आदि), रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य एजेंसियों, आदि में होता है इसलिए इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं.इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.

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